उत्तराखंड

Uttarakhand: 24 घंटे में वनाग्नि की कोई घटना नहीं. मुख्य सचिव

देहरादून: गृह सचिव, भारत सरकार की अध्यक्षता में राज्य में वनाग्नि की घटनाओं की समीक्षा बैठक में प्रतिभाग करते हुए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने जानकारी दी कि पिछले 24 घण्टों में उत्तराखण्ड में वनाग्नि की कोई भी नई घटना नही हुई है।

वनाग्नि की घटनाओं में पिछले दो दिनों से लगातार कमी आ रही है। उत्तराखण्ड में वनाग्नि से 0.1 प्रतिशत वन प्रभावित हुए है तथा इस सम्बन्ध में गलत आंकड़ों का दुष्प्रचार करने वालों के खिलाफ वैधानिक कार्यवाही की जाएगी ।

सीएस राधा रतूड़ी ने जानकारी दी कि  शासन-प्रशासन द्वारा अपनी पूरी ताकत वनाग्नि नियंत्रण में झोंक दी गई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा वनाग्नि नियंत्रण के सम्बन्ध में निरन्तर समीक्षा व मॉनिटरिंग बैठक की जा रही हैं। मुख्य सचिव द्वारा भी लगातार मॉनिटरिंग बैठकों के साथ स्थिति पर सीधी निगरानी रखी जा रही है। पीसीसीएफ (हॉफ) द्वारा वन विभाग के फील्ड स्टाफ के साथ वनाग्नि मॉनिटरिंग हेतु लगातार बैठकें कर सभी डिवीजनों की जरूरतों के सम्बन्ध में जानकारी ली जा रही है। मुख्यालय स्तर के वरिष्ठतम अधिकारियों को जिलों में फील्ड में उतारा गया गया है। पीसीसीएफ (हॉफ) तथा एपीसीसीएफ वनाग्नि व आपदा प्रबन्धन द्वारा फील्ड ऑपरेशन का स्थलीय निरीक्षण किया जा रहा है।

रिस्पॉन्स टाइम को कम करने में सफलता मिलने पर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने बताया की एफएसआई से प्राप्त फायर एलर्ट को तत्काल सम्बन्धित वाट्सअप ग्रुप्स में डाल कर क्रू टीम को उसी समय घटनास्थल पर भेजा जा रहा है। एफएसआई से भारी संख्या में मिले फायर एलर्ट की विशेष मॉनिटरिंग करके वनाग्नि को कम से कम समय में नियंत्रित करने में सफलता मिली है।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने बताया कि राज्य में सक्रिय वन पंचायतों, वनाग्नि प्रबन्धन समितियों, महिला मंगल दलों, युवा मंगल दलों को जागरूक करके तथा उत्तरदायी बना कर गांवों के नजदीक के जंगल के इलाकों में वनाग्नि नियंत्रण में सफलता मिली है। वनाग्नि नियंत्रण में उत्कृष्ट कार्य करने वाले सामुदायिक संस्थाओं व फील्ड अधिकारियों को प्रोत्साहन, पुरस्कार व तत्काल बजट आंवटन से वनाग्नि नियंत्रण के प्रयासों को एक नई गति मिली।

मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने बताया कि राज्य में सक्रिय वन पंचायतों, वनाग्नि प्रबन्धन समितियों, महिला मंगल दलों, युवा मंगल दलों को जागरूक करके तथा उत्तरदायी बना कर गांवों के नजदीक के जंगल के इलाकों में वनाग्नि नियंत्रण में सफलता मिली है। वनाग्नि नियंत्रण में उत्कृष्ट कार्य करने वाले सामुदायिक संस्थाओं व फील्ड अधिकारियों को प्रोत्साहन, पुरस्कार व तत्काल बजट आंवटन से वनाग्नि नियंत्रण के प्रयासों को एक नई गति मिली।

मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने बताया कि वनाग्नि नियंत्रण में सभी सम्बन्धित विभागों जिनमें आपदा प्रबन्धन, फायर सर्विसेज, आदि के कार्मिकों का सहयोग लिया गया है। 28 अप्रैल से 1 मई तक एनडीआरएफ की 15वीं बटालियन ने नैनीताल फॉरेस्ट डिवीजन में वनाग्नि नियंत्रण में सहयोग किया तथा आज यह बटालियन गढ़वाल फॉरेस्ट डिवीजन पहुंच रही है। भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर एमआई 17 वी 5 द्वारा 6 से 8 मई के बीच 44600 लीटर पानी का छिड़काव गढ़वाल फॉरेस्ट डिवीजन पौड़ी में किया गया। इस दौरान राज्य में 417 वन अपराध दर्ज किए गए, जिनमें से 356 अज्ञात एवं 61 ज्ञात रहे। 75 नामजद अपराधी रहे। 13 के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। 10 व्यक्तियों की गिरफतारी की जा चुकी है।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button