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Shri Mahant Indiresh Hospital: कैंसर योद्धाओं का किया विशेष सम्मान

  • कैंसर सर्वाइवर्स ने अपने अनुभव साझा किए
  • एक सुर में बोले, कैंसर से डरना नहीं लड़ना है

देहरादून: श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के सर्जिकल ऑन्कोलॉजी, यूरोलॉजी और रेडिएशन विभाग की ओर से पेशाब की थैली (Urinary Bladder) के कैंसर को मात दे चुके 60 से अधिक कैंसर योद्धाओं के लिये विशेष सम्मान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। अस्पताल के ऑडिटोरियम में हुए इस आयोजन में विभिन्न चरणों में उपचार पूरा कर चुके प्रतिभागियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस दौरान कैंसर सर्वाइवर्स ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि कैंसर से डरने की नहीं, बल्कि हिम्मत और भरोसे के साथ लड़ने की जरूरत है। कार्यक्रम में कैंसर योद्धाओं को उनके परिवार सहित सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ श्री गुरु राम राय इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एंड हेल्थ साइंसेज के प्राचार्य डॉ. अशोक नायक, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अनिल मलिक, डॉ. मनोज गुप्ता, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. गौरव रतूड़ी, वरिष्ठ कैंसर सर्जन डॉ. अजीत तिवारी और रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. रचित आहूजा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। कार्यक्रम के दौरान कैंसर योद्धाओं ने बताया कि कीमोथेरैपी, सर्जरी और रेडिएशन के दौरान भले ही सफर कठिन था, लेकिन अस्पताल की मेडिकल टीम और परिवार ने उन्हें लगातार आगे बढ़ने का हौसला दिया।

वरिष्ठ कैंसर सर्जन डॉ. अजीत तिवारी ने कहा कि कैंसर योद्धाओं की जिंदादिली यह संदेश देती है कि मजबूत इच्छाशक्ति और समय पर इलाज से कैंसर पर विजय संभव है। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रम डॉक्टरों को भी मरीजों की हिम्मत से सीखने और उपचार को और बेहतर बनाने के लिए प्रेरित करते हैं। वहीं, रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. रचित आहूजा ने कहा कि कैंसर योद्धाओं को सम्मानित करने का उद्देश्य समाज में यह जागरूकता फैलाना है कि कैंसर अंत नहीं, बल्कि सही उपचार और सकारात्मक सोच से नई शुरुआत का अवसर बन सकता है।

श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के वरिष्ठ कैंसर सर्जन डाॅ पंकज गर्ग ने कहा कि वैज्ञानिक दृष्टि से कैंसर के बढ़ते इलाज-विकल्पों और सामाजिक रूप से जागरूकता बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि शुरुआती जांच और आधुनिक तकनीक के कारण कैंसर के उपचार की सफलता में लगातार वृद्धि हो रही है। डाॅ कमल शर्मा, विभागाध्यक्ष, यूरोलाॅजी विभाग, श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल ने कहा कि कैंसर के शुरूआती लक्ष्णो को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और बीड़ी सिगरेट का सेवन करने वालों को पेशाब में खून आने के लक्ष्ण दिखाई दे ंतो तुरन्त उन्हें तत्काल यूरोलाॅजिस्ट या कैंसर विशेषज्ञ से मिलकर परामर्श लेना चाहिए।इस अवसर पर रेडिएश आॅन्कोलाॅजी विभाग के विभाागाध्क्ष डॉ. मनोज गुप्ता ने अस्पताल प्रबंधन की ओर से सभी कैंसर योद्धाओं की यात्रा और उनके संघर्ष को नमन किया । इस अवसर पर कैंसर सर्जरी विभाग, यूरोलाॅजी एवम् रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभाग के स्टाफ उपस्थित रहे।

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