उत्तराखंड

मुख्यमंत्री धामी ने चंपावत के आपदा प्रभावित इलाकों का किया हवाई सर्वेक्षण 

  • अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा कर दिए आवश्यक निर्देश
  • आपदा प्रभावितों को हर संभव मदद दी जाए: मुख्यमंत्री
  • राहत राशि वितरित करने के साथ ही पुनर्निर्माण के कार्यों में युद्ध स्तर पर कार्य किये जाए:मुख्यमंत्री
  • पुनर्निर्माण के कार्यों सहित जनपद में विभिन्न व्यवस्थाओ को शीघ्र सामान्य कराएं अधिकारी
  • बनबसा में नेपाल को बन रहे ड्राई पोर्ट में जल भराव की समस्या के स्थाई समाधान करें एनएचएआई के अधिकारी
  • आपदा से जो भी नुकसान हुआ है प्रत्येक विभाग द्वारा आकलन करते हुए प्रस्ताव शीघ्र शासन को भी भेजें

चंपावत: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चंपावत के आपदा प्रभावित क्षेत्र सरयू घाटी,काली घाटी, पंचेश्वर घाटी, रौसाल तथा तामली आदि विभिन्न क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। इसके पश्चात् एनएचपीसी गेस्ट हाउस, बनबसा में जनपद के अधिकारियों के साथ बैठक कर मुख्यमंत्री ने अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्यों तथा अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों में जन जीवन सामान्य बनाने तथा पुनर्निर्माण कार्यों की अधिकारियों से विस्तृत जानकारी ली। मुख्यमंत्री जनता से मिले और उनकी समस्याएं सुनी इस दौरान जनता द्वारा मुख्यमंत्र को विभिन्न समस्याओं से संबंधित ज्ञापन दिया गया। मुख्यमंत्री ने जनता को उनकी हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने जनपद में आपदा से क्षतिग्रस्त हुए सड़क मार्गों एवं पुलों को ठीक करने हेतु किए जा रहे कार्यों की भी विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रभावित क्षेत्रों में व्यवस्थाएं सामान्य बनाने हेतु आवश्यक कदम उठाए जाएं।
उन्होंने निर्देश दिए कि क्षतिग्रस्त मार्गों, पेयजल एवं विद्युत लाइनों को यथाशीघ्र बहाल किया जाए। तथा वैकल्पिक तौर पर उरेडा द्वारा सौर ऊर्जा से विद्युत व्यवस्था की जाए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए की जनपद के प्रत्येक आपदा प्रभावित को हर संभव मदद दी जाए। जिन प्रभावितों को आपदा राहत राशि वितरित की जानी है तत्काल राहत राशि वितरित की जाए। जनपद में पुनर्निर्माण कार्यों सहित जनपद के विभिन्न व्यवस्थाओं को शीघ्र सामान्य कराएं और जनपद में बंद पड़ी सड़कों को प्राथमिकता के आधार पर यातायात हेतु सुचारु किया जाए।

इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को आपदा ग्रसित क्षेत्रों में स्वयं जाकर स्थलीय निरीक्षण करने तथा वहां प्रभावितों को उचित सुविधा प्रदान करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जनता को किसी भी प्रकार की समस्या ना हो इस बात को सुनिश्चित किया जाए। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आपदा से हुए नुकसान तथा राहत कार्यों की प्रगति की जानकारी लेने के साथ ही क्षेत्र में आपदा प्रभावितों से बात कर उनकी समस्याओ व मांगों को भी सुने और जनता की समस्याओ का प्राथमिकता से समाधान करें। उन्होंने आपदा राहत के कार्यों को तत्परता तथा समयबद्धता के साथ पूरा करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभाविताें में राहत राशि वितरित करने के साथ ही पुनर्निर्माण के कार्यों में युद्ध स्तर पर कार्य किया जाए।

मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी को कहा कि जनपद में जो भी नुकसान हुआ है प्रत्येक विभाग द्वारा आकलन करते हुए प्रस्ताव शीघ्र शासन को भी भेजें। बैठक में मुख्यमंत्री द्वारा सड़क निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग, ऊर्जा, खाद्यान्न, स्वास्थ्य, पेयजल आदि विभागों से किए गए कार्यों की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि उत्तराखंड राज्य में साल भर किसी न किसी रूप में आपदा से काफी नुकसान होता था उसके मध्यनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया गया, उनके द्वारा राज्य को आपदा में सहायता राशि बढ़ाई गई जिससे पुननिर्माण आदि के कार्य तत्काल किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा लोगों को तत्काल राहत राशि प्रदान कर मदद करना सरकार की प्रथम प्राथमिकता है। साथ ही उन्होंने कहा कि आपदा के बाद राहत कार्यों के पश्चात् अब प्रथम प्रयास पुनर्निर्माण के कार्यों में होना चाहिए।

इस दौरान उन्होंने तल्लादेश, मंच, तामली सहित टनकपुर, बनबसा क्षेत्र में हुए नुकसान से स्थानीय लोगों द्वारा अवगत कराया गया। मुख्यमंत्री ने शारदा नदी, हड्डी नदी एवं किरोड़ा नाला से हो रहे नुकसान के स्थाई समाधान हेतु प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश जिलाधिकारी व सिंचाई विभाग को दिए। मुख्यमंत्री ने कहा बनबसा में नेपाल को बन रहे ड्राई पोर्ट में जल भराव की समस्या के समाधान हेतु एनएचएआई के अधिकारियों को निर्देश दिए की समस्या का स्थाई जिम्मेदारी से समाधान करें। साथ ही उन्होंने नेपाल को जोड़ने वाले उक्त सड़क से स्थानीय गांव को भी कनेक्टिविटी से जोड़ने के निर्देश दिए। इस दौरान उपस्थित जनप्रतिनिधियों द्वारा प्रशासन द्वारा तत्काल एवं तत्परता से राहत एवं बचाव कार्यों के साथ-साथ आपदा ग्रसित क्षेत्र के लिए किया जा रहे कार्यों की सराहना की गई।

बैठक में जिलाधिकारी नवनीत पांडे द्वारा मुख्यमंत्री को जनपद में हुई क्षति के संबंध में जानकारी देते हुए अवगत कराया की विगत दिनों हुई भारी बारिश से जिले के विभिन्न मुख्य एवं ग्रामीण सड़क मार्ग जो बंद हो गए थे उन्हें खोलकर यातायात हेतु सुचारु किया गया है तथा जो मार्ग अभी भी बंद हैं उन पर कार्य निरंतर गतिमान हैं। साथ ही आपदा ग्रसित क्षेत्र में ग्रामीणों को खाद्यान्न किट जिसमें आवश्यक खाद्यान्न सामग्री के अतिरिक्त गैस सिलेंडर, आवश्यक रोजमर्रा की वस्तुओं को शामिल कर वितरित किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त जिलाधिकारी ने बताया की जनपद की सभी सस्ता गल्ला दुकानों में अक्टूबर तक का खाद्यान्न स्टॉक रखकर उपभोक्ताओं को वितरित किया जा रहा है। साथ ही आपदा प्रभावित गांवों के सभी सस्ता गल्ला की दुकानों में खाद्यान्न पैकेट के स्टॉक भी पर्याप्त संख्या में रखे गए हैं ताकि आवश्यकता पड़ने पर जरूरतमंद व आपदा प्रभावितों में वितरित किया जा सके।

 

जिलाधिकारी ने बताया कि जिले के दूरस्थ क्षेत्र जहां बड़े वाहनों के माध्यम से रसोई गैस वितरण नहीं हो पा रहे हैं, वहां छोटे वाहनों आदि के माध्यम से रसोई गैस नियमित रूप से वितरित किए जा रहे हैं। बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने बताया कि जनपद में 23 ग्रामीण मोटर मार्ग बंद है जिनमें यतायात सुचारु किये जाने हेतु निरंतर कार्य गतिमान है। राष्ट्रीय राजमार्ग- 09 पूर्ण सुरक्षा व्यवस्था के साथ यातायात हेतु सुचारु किया गया है। इसके अतिरिक्त जनपद अंतर्गत पेयजल निगम की 77 अवरुद्ध पेयजल योजना में से 52 पेयजल योजनाओं को तथा जल संस्थान की 136 में से 123 पेयजल योजनाओं को सुचारु किया गया है। तथा जिन क्षेत्रों में पेयजल व्यवस्था अवरुद्ध है उन क्षेत्रों में पिकअप तथा टैंकरों के माध्यम से पेयजल आपूर्ति कराई जा रही है।

विद्युत विभाग द्वारा 17 ग्रामों/कस्बों में बाधित विद्युत् व्यवस्था में से 11 ग्रामों/कस्बों में विद्युत् व्यवस्था सुचारू की गई है तथा शेष में निरंतर कार्य किया जा रहा है। तथा वहां वैकल्पिक रूप से उरेडा के माध्यम से सौर ऊर्जा स्थापित की गई है। जनपद में विगत दिनों आपदा से हुई क्षति में अब तक प्रभावितों को कुल 01 करोड़ 34 लाख 79 हजार 954 रुपए की राहत राशि का वितरण किया गया है। जनपद में आपदा ग्रसित 50 परिवारों को 2.50 लाख (2 लाख 50 हजार )की अहैतुक सहायता राशि प्रदान की गई है। इसके अतिरिक्त जनपद में विगत दिनों हुई अतिवृष्टि से 03 जनहानि के अतिरिक्त 35 पशु हानि हुई जिसमें पशुपालकों को 12 लाख की धनराशि वितरित की गई है तथा जनपद में कुल 41 मकान (21 पूर्ण तथा 20 तीक्ष्ण) क्षतिग्रस्त हुए हैं।

जिस हेतु प्रभावितों को 62 लाख की धनराशि वितरित की गई। जनपद में 294 परिवारों को फसलों की क्षति हेतु 7 लाख 34 हजार 454 रुपए की धनराशि वितरित की गई है। इसके अलावा जनपद में आपदा ग्रसित क्षेत्र के लिए तैनात की गई टीमों द्वारा लगातार आपदा ग्रसित क्षेत्र में जाकर हुई क्षति का आंकलन किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त जनपद में पुनर्निर्माण के कार्य प्रारंभ किये जा चुके हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में जो मार्ग बंद है तथा अन्य हुए नुकसान का आकलन कर मनरेगा अंतर्गत प्रस्ताव तैयार कर कार्य कराए जा रहे हैं।

बैठक में विधायक लोहाघाट खुशाल सिंह अधिकारी, विधायक प्रतिनिधि चंपावत प्रकाश तिवारी तथा विधायक प्रतिनिधि टनकपुर दीपक रजवार, भाजपा महामंत्री मुकेश कलखुड़िया, रोहिताश अग्रवाल, अपर पुलिस अधीक्षकन नैनीताल हरवंश सिंह मुख्य विकास अधिकारी संजय कुमार सिंह, अपर जिलाधिकारी हेमंत कुमार वर्मा, अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग एमसी पलडिया, अधिशासी अभियंता जल संस्थान बिलाल युनुस, जल निगम, अधिशासी अभियंता ग्रामीण निर्माण विभाग, विद्युत विभाग, जिला पूर्ति अधिकारी सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button