उत्तराखंड

Chardham Yatra: ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन 15 सौ से बढ़ाकर 2 हजार प्रतिदिन किये जाएंगे

  • मुख्यमंत्री ने हरिद्वार में श्रद्धालुओं से लिया फीडबैक,दून में की समीक्षा
  • श्रद्धालुओं के हित में ऑफलाईन रजिस्ट्रेशन की संख्या को 1500 से बढ़ाकर 2000 प्रतिदिन किये जाने के दिये निर्देश

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को ऋषिकुल मैदान हरिद्वार में संचालित हो रहे चार धाम यात्रा पंजीकरण केन्द्र का स्थलीय निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने निरीक्षण के दौरान पंजीकरण हेतु पहुंचे श्रद्धालुओं से भी बातचीत कर व्यवस्थाओं के प्रति उनके विचार जाने। मुख्यमंत्री को अचानक से अपने बीच पाकर श्रद्धालुओं ने प्रसन्नता व्यक्त की और मुख्यमंत्री के साथ सेल्फी भी ली।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि श्रद्धालुओं के हित में यदि पंजीकरण काउण्टर बढ़ाये जाने की आवश्यकता हो तो जरूरत के हिसाब से काउण्टर बढ़ाये जाये, श्रद्धालुओं के लिए पेयजल, शौचालय के साथ कूलर आदि की व्यवस्था की जाए, सुरक्षा की दृष्टि से पर्याप्त मात्रा में सुरक्षा कर्मी तैनात किये जाये। उन्होंने निर्देश दिये कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए हर आवश्यक कदम उठाये जाये। मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिये कि किसी भी श्रद्धालु के साथ फ्रॉड न हो, यदि किसी भी श्रद्धालु के साथ फ्रॉड होता है तो फ्रॉड करने वालों के खिलाफ सख्ती से कार्यवाही की जाये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चार धाम यात्रा हरिद्वार से प्रारंभ होती है। विगत दिनों चार धाम यात्रा के दौरान अधिक संख्या के कारण ऑफ लाइन पंजीकरण प्रक्रिया को कुछ समय के लिए बन्द किया गया था, जिसे अब खोल दिया गया है। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा वाले जनपदों में श्रद्धालुओं की बढती संख्या को देखते हुए सुरक्षा के लिये प्रभावी कदम उठाये जा रहे है। चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या सामान्य एवं व्यवस्थाएं सामान्य रहने पर ऑफलाइन पंजीकरण संख्या को बढ़ाया जायेगा। उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता है की सभी श्रद्धालु धामों के दर्शन कर सकें और श्रद्धालुओं की सुरक्षा भी बनी रहे। उन्होंने कहा कि यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की यात्रा सुरक्षित एवं सुगमता से पूरी हो, तथा कोई परेशानी श्रद्धालुओं को न हो, यही हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि मानसून के दृष्टिगत जो भी व्यवस्थाएं की जानी होंगी, वह भी सुनिश्चित की जायेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी पहली प्राथमिकता चारधाम यात्रा पर आने वाले सभी श्रद्धालुओं की सुरक्षा है। उन्होंने श्रद्धालुओं से अपेक्षा की है कि उन्हें चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन के अनुसार जो तिथि मिली है, उसके अनुसार ही दर्शन के लिए आयें। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से स्वास्थ्य परीक्षण और मौसम का पूर्वानुमान देखने के बाद ही चारधाम यात्रा पर आने के लिए भी अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है कि चारधाम यात्रा सुरक्षित हो और सभी श्रद्धालु भी स्वस्थ और सुरक्षित हों।

दून में की चार धाम यात्रा व्यवस्थाओं की समीक्षा

मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा प्रदेश की लाईफ लाईन है। यह यात्रा राज्य की आर्थिकी से भी जुड़ी है। जिस तेजी से चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि हो रही है, हम सबका दायित्व है कि यात्रा को सुगम और सरल बनाने में सभी मिलकर सहयोगी बनें। व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाने में राज्य सरकार द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं।

इस अवसर पर विधायक मदन कौशिक, पूर्व विधायक स्वामी यतीश्वरानन्द ने मुख्यमंत्री से चारधाम यात्रा से सम्बन्धित विभिन्न बिन्दुओ पर चर्चा की। इस दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष किरन चौधरी, एसएसपी प्रमेन्द डोबाल, जिला पर्यटन विकास अधिकारी सुरेश यादव, पूर्व विधायक संजय गुप्ता, पूर्व मेयर मनोज गर्ग, बीजेपी जिलाध्यक्ष संदीप गोयल, पर्यटन से जुड़े कारोबारी आदि उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास, देहरादून में चार धाम यात्रा व्यवस्थाओं की समीक्षा की। चार धाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुये श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत मुख्यमंत्री ने हरिद्वार व ऋषिकेश में ऑफलाईन रजिस्ट्रेशन की संख्या को 1500 से बढ़ाकर 2000 प्रतिदिन किये जाने के निर्देश अधिकारियों को दिये हैं। उन्होंने कहा कि चार धाम यात्रा को सुगम व सुरक्षित बनाना हमारा उद्देश्य है। इस व्यवस्था से जुडे सभी अधिकारी प्रतिबद्धता के साथ अपने दायित्वों का निर्वह्न करें।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश में पेयजल की कमी को दूर करने के लिये प्रभावी कार्ययोजना तैयार करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जल संचय एवं जल संवर्द्धन के प्रति संजीदगी के साथ योजना बनाने पर ध्यान दिया जाए। इसे जन आंदोलन के रूप में संचालित करने के लिये आम जनता को इससे जोड़ने के प्रयास किये जाएं।

इसके लिये मुख्यमंत्री ने जल संचय, जल संवर्द्धन तथा भू-जल स्तर में सुधार के लिये बनायी जाने वाली कार्ययोजना के लिये सचिव शैलेश बगोली तथा विशेष सचिव पराग मधुकर धकाते को नोडल अधिकारी नामित किये जाने के भी निर्देश दिये हैं।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button